6 महीने में 100% रिटर्न देने वाले स्टॉक में लौटेगी तेजी, DRDO के साथ किया है समझौता

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स्पेशल स्टील प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी गुडलक इंडिया लिमिटेड ने रक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए ब्रह्मोस एयरोस्पेस थिरुवनंतपुरम लिमिटेड (BATL) और एक्सिसकैड्स टेक्नोलॉजीज के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया है। यह समझौता डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के लिए किया गया है।

Goodluck India Ltd का नया रक्षा समझौता

स्पेशल स्टील निर्माण में अग्रणी Goodluck India Ltd ने 3 सितंबर 2025 को ब्रह्मोस एयरोस्पेस थिरुवनंतपुरम लिमिटेड (BATL) और एक्सिसकैड्स टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर DRDO के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के लिए त्रिपक्षीय समझौता किया है। यह समझौता भारत के एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य देश में अत्याधुनिक लड़ाकू विमान बनाने की क्षमता को विकसित करना है।

AMCA परियोजना का लक्ष्य और महत्व

AMCA परियोजना पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ एयरक्राफ्ट के विकास पर केंद्रित है। इसमें सुपर-क्रूज क्षमता, अत्याधुनिक एवियोनिक्स, इंटरनल वेपन स्टोरेज और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम जैसी खूबियां होंगी। यह लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के लिए भविष्य की युद्धक्षमता का आधार बनेगा और विदेशी हथियारों पर निर्भरता घटाने में मदद करेगा।

आत्मनिर्भर भारत मिशन से जुड़ाव

Goodluck India Ltd का यह कदम सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना के साथ पूरी तरह संगत है। इस समझौते के जरिए रक्षा उत्पादों का निर्माण देश में ही किया जाएगा, जिससे आयात पर लगने वाली लागत कम होगी और देश की सामरिक शक्ति में इजाफा होगा। साझेदारी का उद्देश्य सभी जरूरी तकनीक और विनिर्माण प्रक्रिया को भारत में ही उपलब्ध कराना है।

Goodluck India Ltd की औद्योगिक क्षमता

गुडलक इंडिया उत्तर प्रदेश और गुजरात में स्थित अपनी छह मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के जरिए हर साल लगभग 5 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन करती है। कंपनी हाई-एंड फोर्जिंग, भारी स्टील संरचनाओं की फैब्रिकेशन और सटीक आकार वाली प्रिसिजन ट्यूब्स का निर्माण करती है, जो रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर की जटिल मांगों के अनुसार होती हैं।

डिफेंस लाइसेंस और नए अवसर

कंपनी की सहायक इकाई गुडलक डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड को भारत सरकार द्वारा भारतीय शस्त्र अधिनियम 1959 के तहत मीडियम-कैलिबर आर्टिलरी शेल्स (तोप के गोले) बनाने का इंडस्ट्रियल लाइसेंस मिला है। यह अनुमति उसे न केवल घरेलू रक्षा परियोजनाओं में योगदान देने का अवसर देती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में भी प्रतिस्पर्धा करने की संभावनाएं खोलती है।

साझेदार कंपनियों की भूमिका

ब्रह्मोस एयरोस्पेस थिरुवनंतपुरम लिमिटेड प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग और एयरो-स्ट्रक्चरल कंपोनेंट्स में विशेषज्ञ है, जबकि एक्सिसकैड्स टेक्नोलॉजीज डिजाइन, सिस्टम इंटीग्रेशन और तकनीकी सिमुलेशन के क्षेत्र में अग्रणी है। इन दोनों की संयुक्त विशेषज्ञता गुडलक इंडिया की मटेरियल और फोर्जिंग क्षमताओं के साथ मिलकर AMCA परियोजना को तेज और सफल बनाने में मदद करेगी।

शेयर बाजार में प्रदर्शन

गुडलक इंडिया का शेयर वर्तमान में 1,298.00 रुपए पर बंद हुआ है, जो दिनभर में 0.67% की हल्की गिरावट दर्शाता है। हालांकि, पिछले छह महीनों में इसका मूल्य 72.55% बढ़ा है। इसी अवधि में कंपनी का पांच दिन का प्रदर्शन भी 9.86% की बढ़त दिखाता है। साल की शुरुआत से अब तक शेयर में 34.09% की तेजी आई है, और एक साल में कुल 11.21% का उछाल दर्ज हुआ है। इससे निवेशकों में कंपनी के भविष्य को लेकर सकारात्मक रुझान स्पष्ट होता है।

आगे की संभावनाएं

यदि यह संयुक्त बोली सफल रहती है, तो AMCA परियोजना में इस्तेमाल होने वाले कई जटिल हिस्सों का उत्पादन भारत में ही होगा। इससे रक्षा क्षेत्र में लागत कम होगी, उत्पादन का समय घटेगा और तकनीक देश के भीतर ही सुरक्षित रहेगी। लंबी अवधि में यह समझौता देश में उच्च कौशल वाले रोजगार को बढ़ावा देते हुए रक्षा उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

Disclaimer: इस वेबसाइट पर दी गई सभी जानकारी केवल शैक्षणिक और सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से साझा की गई है। कृपया इसे किसी भी प्रकार की निवेश सलाह न समझें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम से जुड़ा होता है, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। हम यहाँ प्रस्तुत जानकारी की पूर्णता, सटीकता या अद्यतन होने की गारंटी नहीं देते। निवेश करते समय अपने विवेक, समझदारी और सावधानी का प्रयोग करना आपकी स्वयं की जिम्मेदारी है।

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