FII और Retail दोनों ने बढ़ाई हिस्सेदारी! 38 दिन में 45% चढ़ा ये PSU Metal Stock, अब और तेजी के संकेत

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PSU कंपनी Hindustan Copper में एफआईआई ने सितंबर तिमाही में हिस्सेदारी 3.70% से बढ़ाकर 5.10% की। पिछले 38 ट्रेडिंग सत्रों में शेयर 45% चढ़ा। प्रमोटर्स के पास 66.10% और रिटेल 22.80% है। कंपनी कर्ज़ मुक्त है और रिटर्न ऑन इक्विटी 18.70% है; शुक्रवार 342.50 रुपये पर बंद हुआ। 52-सप्ताह उच्च 365.50 रहा।

PSU में FII और Retail ने हिस्सेदारी बढ़ाई

PSU कंपनी Hindustan Copper LTD के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक सितंबर 2025 को खत्म तिमाही में विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 3.70% से बढ़कर 5.10% हो गई। यह बढ़ोतरी उस समय दिखी जब स्टॉक में तेज रफ्तार से ऊपर की ओर मूवमेंट शुरू हुआ। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एफआईआई ने रैली से पहले करीब 5 करोड़ शेयर तक होल्डिंग बढ़ाई, जिससे फ्री-फ्लोट में संस्थागत भागीदारी मजबूत हुई और ट्रेंड की विश्वसनीयता बढ़ी।

PSU में 38 दिन में 45% रैली

1 सितंबर 2025 को स्टॉक 232 रुपये था। 24 अक्टूबर तक यह 345 रुपये के ऊपरी स्तर तक पहुंचा, यानी 38 ट्रेडिंग सत्रों में लगभग 45% का उछाल। 9 अक्टूबर को 52-सप्ताह का उच्च स्तर 365.50 रुपये बना था। ताज़ा क्लोजिंग 342.50 रुपये रही, जो सेशन के लिए लगभग 2.5% की बढ़त दिखाती है। तेजी के दौरान रिट्रेसमेंट सीमित रहा, जिससे अपट्रेंड बरकरार दिखा।

शेयरहोल्डिंग पैटर्न: प्रमोटर और रिटेल की स्थिति

प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 66.10% पर स्थिर है। रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 21.90% से बढ़कर 22.80% पर पहुंची। यह बदलाव बताता है कि छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है। एफआईआई की हिस्सेदारी में उछाल के साथ-साथ रिटेल का बढ़ना वॉल्यूम और लिक्विडिटी दोनों को सपोर्ट देता है, जिससे कीमत की खोज अधिक व्यवस्थित होती है।

वित्तीय स्थिति: कर्ज़, रिटर्न और लाभप्रदता

कंपनी वर्तमान में कर्ज़ मुक्त है, जिससे बैलेंस शीट हल्की रहती है और ब्याज लागत का दबाव नहीं बनता। रिटर्न ऑन इक्विटी 18.70% तक सुधरा है, जो पूंजी के बेहतर उपयोग को दर्शाता है। हाल की तिमाहियों में लाभप्रदता में सुधार दिखाई दिया है। कम लेवरेज और बेहतर रिटर्न प्रोफाइल के साथ कैश जेनरेशन पर फोकस ऑपरेशंस की स्थिरता को समर्थन देता है।

सेक्टर ट्रेंड: तांबे की मांग के सहारे

तांबे की मांग बिजली नेटवर्क अपग्रेड, नवीकरणीय ऊर्जा, रेल और ईवी इकोसिस्टम में विस्तार के कारण बेहतर बनी हुई है। केबलिंग, ट्रांसफॉर्मर और बैटरी वैल्यू चेन में तांबा एक प्रमुख इनपुट है। ग्लोबल कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहता है, पर घरेलू इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेक्स मांग को आधार देता है। सप्लाई-साइड खबरें और एलएमई कीमतें स्टॉक की दिशा को समय-समय पर प्रभावित कर सकती हैं।

खबर का असर: स्टॉक के लिए क्या मायने

रैली से ठीक पहले एफआईआई की खरीद बढ़ना संस्थागत विश्वास का संकेत माना जाता है और लिक्विडिटी को गहराई देता है। प्रमोटर होल्डिंग स्थिर रहने और रिटेल हिस्सेदारी बढ़ने से निवेशक आधार व्यापक हुआ है। आगे का प्रदर्शन ऑपरेशनल डिलीवरी, तिमाही नतीजों और तांबे की अंतरराष्ट्रीय कीमतों जैसे कारकों पर निर्भर रहेगा।

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