Defence Stock : भारत के रक्षा क्षेत्र को 2025-26 में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाली कई बड़ी सरकारी मंजूरियों के बाद, घरेलू ब्रोकरेज मोतीलाल ओसवाल ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) और भारत डायनेमिक्स (BDL) पर तेजी की राय दी है। ताजा डीएसी मंजूरी और ऑर्डर बुक के कारण इन कंपनियों में अगले कुछ वर्षों में मजबूत ग्रोथ और बेहतर रिटर्न की उम्मीद जताई गई है।
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Defence ऑर्डर बुक और कंपनियों की तैयारी
Bharat Electronics Ltd (BEL) को इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, रडार और नौसेना सेंसर के क्षेत्र में ताजा ऑर्डर मिलने की संभावना है। HAL को एयरफोर्स प्लेटफॉर्म्स, तेजस मार्क-1ए प्रोजेक्ट और लंबी दूरी की स्वायत्त प्रणालियों के बड़े ऑर्डर मिल सकते हैं। BDL मिसाइल और टॉरपीडो कार्यक्रमों, खासकर NAMIS और एडवांस्ड टॉरपीडो यूनिट्स के चलते लाभ में रह सकता है। BEL की ऑर्डर बुक 1 लाख करोड़ से ज़्यादा और HAL की करीब 1.84 लाख करोड़ रुपये बताई जा रही है।
हालिया डीएसी मंजूरी और उसका असर
Defence अधिग्रहण परिषद (DAC) ने पिछले सप्ताह तीनों सेनाओं के लिए कुल ₹79,000 करोड़ के नए पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को स्वीकृति दी। इसी साल अगस्त में भी करीब ₹67,000 करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी मिली थी। इससे दिखता है कि सरकार रक्षा क्षेत्र की मजबूती पर लगातार फोकस कर रही है। FY26 की पहली छमाही में अब तक डीएसी करीब ₹2.5 लाख करोड़ की आवश्यकता की स्वीकृति (AoN) दे चुका है, जबकि FY25 में कुल ₹2.2 लाख करोड़ के प्रस्तावों को अनुमोदन मिला था। घरेलू रक्षा खरीद का अनुपात भी बढ़कर 92% हो चुका है, जो FY19 में केवल 54% था।
मोतीलाल ओसवाल की राय और टारगेट प्राइस
ब्रोकरेज ने BEL पर ‘खरीदें’ कॉल के साथ 490 रुपये (18% संभावित बढ़त), HAL पर 5,800 रुपये (21.6% संभावित बढ़त) और BDL पर 1,900 रुपये (23% संभावित बढ़त) का टारगेट दिया है। ब्रोकरेज के मुताबिक, ये Defence कंपनियां मजबूत ऑर्डर फ्लो, स्थिर मार्जिन और बढ़ते निर्यात के दम पर आने वाले सालों में अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं।
भविष्य की ग्रोथ के संकेत और सरकार की रणनीति
रक्षा परियोजनाओं की लगातार मंजूरी और घरेलू निर्माण को प्राथमिकता से रक्षा पीएसयू की ग्रोथ संभावनाएं और मजबूत हुई हैं। फर्म के मुताबिक, आने वाले समय में रक्षा बजट, अचानक खरीद घोषणाएं और स्वदेशीकरण पर जोर और भारतीय कंपनियों को तेज निर्यात विस्तार के अवसर मिल सकते हैं। सरकार ने 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है, जिससे बाकी देशों में भी इनकी मांग बढ़ सकती है।
निवेशकों के लिए प्रमुख बिंदु
डीएसी मंजूरी ने इन कंपनियों की ऑर्डर पाइपलाइन को बड़ा सहारा दिया है। अगर कैपेक्स और बजट ट्रेंड ऐसे ही रहे, तो कंपनियों की कमाई, मार्जिन और एक्सपोर्ट में आने वाले वर्षों में काफी ग्रोथ देखी जा सकती है। बीईएल, एचएएल और बीडीएल जैसी कंपनियों को सेक्टर में लंबी अवधि के लिए प्रमुख दावेदार माना जा रहा है।
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