Defence PSU का मुनाफा उड़ा 40%, छह महीनों में 200% रिटर्न, सोमवार को स्टॉक में दिखेगा जबरदस्त एक्शन

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Defence PSU अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने Q2FY26 में राजस्व ₹225.26 करोड़ दर्ज किया, जो पिछले साल से 40% अधिक है। कंपनी ने जून तिमाही में 115% की वृद्धि के साथ ₹18.51 करोड़ का सबसे उच्च शुद्ध लाभ दर्ज किया। रक्षा और साइबर सुरक्षा क्षेत्रों में बढ़ती साझेदारियों और मजबूत ऑर्डर बुक के कारण निवेशकों की रुचि बढ़ी है।

Apollo Micro Systems तिमाही अपडेट

Defence PSU Apollo Micro Systems रक्षा, एयरोस्पेस और होमलैंड सुरक्षा के लिए संवेदनशील और मिशन-क्रिटिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंसर, और सिस्टम बनाती है। Q2FY26 में कंपनी का राजस्व बढ़कर ₹225.26 करोड़ हुआ, जो पिछले साल की समान अवधि से 40% ज्यादा है। जून तिमाही का शुद्ध लाभ ₹18.51 करोड़ रहा, जो सालाना आधार पर 115% की वृद्धि है। परिचालन दक्षता में सुधार, बड़े ऑर्डर का निष्पादन और कैपिटल प्रोजेक्ट्स का बढ़ना इस वृद्धि के मुख्य कारण हैं।

वित्तीय प्रदर्शन और लाभप्रदता

Q2FY26 के दौरान Defence PSU का EBIDTA ₹41 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही के ₹22 करोड़ से दोगुना से अधिक है। राजस्व और प्रॉफिट मार्जिन दोनों में सुधार कंपनी के बेहतर खर्च नियंत्रण और उच्च-मूल्य वाले प्रोजेक्ट्स को दर्शाते हैं। परिचालन से समेकित राजस्व 47.25% बढ़ा, जो बाजार की मांग और प्रोडक्ट एक्सपेंशन से मजबूत हुआ।

रक्षा और साइबर सुरक्षा साझेदारियां

Defence PSU अपोलो ने साइबर सुरक्षा क्षेत्र में बढ़त के लिए सिबर्सेंटिनल टेक्नोलॉजीज और ज़ूम टेक्नोलॉजीज के साथ साझेदारी की है। इसके अलावा, इसकी सहायक कंपनी अपोलो स्ट्रेटेजिक टेक्नोलॉजीज ने BM-21 ग्रैड ER रॉकेट मोटर्स के सह-विकास के लिए डायनेमिक इंजीनियरिंग एंड डिजाइन, यूएसए के साथ करार किया। कंपनी को मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन ‘विघ्ना’ के लिए उत्पादन एजेंसी का मान्यता भी मिली है और NASM-SR मिसाइल वारहेड्स के लिए DRDO के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता किया है। ये प्रयास तकनीकी आत्मनिर्भरता को सक्षम करते हैं और रक्षा क्षेत्र में कंपनी की स्थिति सुधारते हैं।

ऑर्डर बुक और निष्पादन दृश्यता

कंपनी के तेजी से बढ़ते ऑर्डर बुक और मजबूत बोली पाइपलाइन के कारण राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। रक्षा प्रोजेक्ट्स में चरणबद्ध निष्पादन होता है, जिससे क्रमिक आधार पर राजस्व में तेजी आती है। कंपनी ने माइलस्टोन-आधारित बिलिंग और वर्किंग कैपिटल अनुकूलन पर ध्यान दिया है ताकि नकदी प्रवाह संतुलित रहे।

कैपेक्स, नकदी प्रवाह और वित्तीय स्थिति

अपने रक्षा और साइबर सुरक्षा प्लेटफॉर्म के विस्तार हेतु कंपनी ने सीमित कैपेक्स लगाने की योजना बनाई है। EBITDA में सुधार के चलते आंतरिक नकदी प्रवाह मजबूत हुआ है, जो प्रोजेक्ट निष्पादन के लिए आवश्यक लागतों और सप्लाई चेन वित्तपोषण को पूरा करता है। हालांकि, रक्षा प्रोजेक्ट्स की लंबी अवधि और मंजूरी प्रक्रिया के कारण वर्किंग कैपिटल साइकिल लंबी हो सकती है।

स्टॉक प्रदर्शन और निवेशक नजरिया

अप्रैल 2025 में ₹105.30 के स्तर से अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर ₹317.50 तक लगभग 200% बढ़े। यह तेजी निवेशकों के लिए आकर्षक रही, खासकर तब जब कंपनी ने विस्तृत रक्षा पोर्टफोलियो और रणनीतिक साझेदारियां बढ़ाईं। 2025 में YTD रिटर्न करीब 175% रहा, जबकि पिछले पांच वर्षों में कुल रिटर्न लगभग 2,680% से ज्यादा दर्ज हुआ।

जोखिम और संभावित ट्रिगर्स

डिफ़ेंस सेक्टर में प्रोजेक्ट की स्वीकृति, परीक्षण, ग्राहकों से मंजूरी और समय पर बिलिंग जैसे कारक जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा, फॉरएक्स उतार-चढ़ाव और सप्लाई चेन अड़चनें भी प्रभाव डाल सकती हैं। वहीं, नए तकनीकी समझौते और सुभिधाजनक लाइसेंसिंग घरेलू व वैश्विक बाजार में कंपनी की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति मजबूत करेंगे, जो निकट अवधि में महत्वपूर्ण ट्रिगर होंगे।

निष्कर्ष

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स की Q2FY26 रिपोर्ट और प्रोजेक्ट अपडेट से स्पष्ट होता है कि कंपनी ने रक्षा और साइबर सुरक्षा क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाई है। राजस्व और लाभप्रदता में दोगुनी से अधिक वृद्धि निवेशकों का विश्वास प्रदर्शित करती है। भविष्य के लिए कंपनी की बढ़ती ऑर्डर बुक, रणनीतिक साझेदारियां और निष्पादन क्षमता सकारात्मक संकेत हैं, हालांकि निवेशकों को वित्तीय आंकड़ों और उद्योग के जोखिमों पर नज़र बनाए रखनी चाहिए।

Disclaimer: इस वेबसाइट पर दी गई सभी जानकारी केवल शैक्षणिक और सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से साझा की गई है। कृपया इसे किसी भी प्रकार की निवेश सलाह न समझें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम से जुड़ा होता है, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। हम यहाँ प्रस्तुत जानकारी की पूर्णता, सटीकता या अद्यतन होने की गारंटी नहीं देते। निवेश करते समय अपने विवेक, समझदारी और सावधानी का प्रयोग करना आपकी स्वयं की जिम्मेदारी है।

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