दिग्गज FMCG कम्पनी Hindustan Unilever (HUL) ने वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 3.8% सालाना बढ़त के साथ ₹2,694 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया। राजस्व में 2.1% की वृद्धि के साथ यह ₹16,034 करोड़ हुआ। कंपनी ने बोर्ड की मंजूरी से ₹19 प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड देने की घोषणा की है।
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तिमाही नतीजे: आय और मुनाफे में वृद्धि
दिग्गज FMCG कम्पनी Hindustan Unilever के जुलाई-सितंबर 2025 के तिमाही नतीजों में शुद्ध लाभ 3.8% बढ़कर ₹2,694 करोड़ पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान तिमाही के ₹2,595 करोड़ से अधिक है। राजस्व में 2.1% की वृद्धि हुई और वह ₹16,034 करोड़ रहा। हालांकि, आर्थिक दबावों और GST कटौती के कारण कुल बिक्री वॉल्यूम में कटौती देखी गई, जिससे वृद्धि सीमित रही। कंपनी ने अपने प्रमुख सेगमेंट्स जैसे होम केयर और ब्यूटी एंड वेलबीइंग में स्थिर वृद्धि दिखाई, जबकि पर्सनल केयर और फूड्स सेक्टर में मामूली गिरावट आई।
EBITDA और मार्जिन की स्थिति
तिमाही के दौरान FMCG कंपनी का EBITDA ₹3,729 करोड़ रहा, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम हुआ। EBITDA मार्जिन 23.2% रहा, जो एक साल पहले के मुकाबले 90 बेसिस पॉइंट कम है। मार्जिन दबाव के पीछे अधिक मार्केटिंग खर्च और ब्रांड बिल्डिंग पर निवेश मुख्य कारण हैं। प्रबंधन का मानना है कि इन निवेशों से दीर्घकाल में ब्रांड मजबूत होंगे और बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी।
Hindustan Unilever की डिविडेंड घोषणा
कंपनी ने ₹19 प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड देने का फैसला किया है। डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट 7 नवंबर 2025 और भुगतान तिथि 20 नवंबर 2025 निर्धारित की गई है। यह नकद लाभांश कंपनी के सशक्त नकद प्रवाह और मजबूत वित्तीय स्थिति का संकेत है, जिसके चलते निवेशकों को अच्छी रिटर्न मिलती है।
शेयर प्रदर्शन और बाजार रुझान
23 अक्टूबर 2025 को बीएसई में HUL का शेयर ₹2,592.50 के स्तर पर खुला और दिन में लगभग 3% बढ़कर ₹2,667.55 तक पहुंच गया। इस साल अब तक कंपनी के शेयरों में करीब 12% का लाभ हुआ है। निवेशकों ने प्रदर्शन और स्थिर डिविडेंड को सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, जिसके कारण स्टॉक मजबूत बना हुआ है।
आगे की चुनौतियां और संभावनाएं
भारी मानसून और GST दरों में कटौती जैसे अस्थायी कारणों से बिक्री वॉल्यूम पर प्रभाव पड़ा है। प्रबंधन ने नवंबर से बाजार स्थिरीकरण और मांग में सुधार की उम्मीद जताई है। कंपनी का ध्यान उच्च-मूल्य वाले सेगमेंट और डिजिटल बिक्री को बढ़ावा देने पर है। इन रणनीतियों से बाजार हिस्सेदारी में विस्तार और लाभप्रदता में सुधार संभावित है।













