गुजरात-स्थित KPI GREEN ENERGY ने भारतीय राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज पर 670 करोड़ रुपये के अपने पहले ग्रीन बॉन्ड की सफल लिस्टिंग की है। यह बॉन्ड पांच वर्ष की अवधि वाला है, जिस पर 8.50% वार्षिक कूपन और त्रैमासिक परिशोधन (एमॉर्टाइजेशन) प्रोफाइल लागू है, जिससे पुनर्वित्त जोखिम घटता है और नकदी प्रवाह अधिक स्थिर बनता है।
Table of Contents
KPI Green Energy का ग्रीन बॉन्ड लिस्टिंग की ओर बड़ा कदम
गुजरात स्थित अक्षय ऊर्जा कंपनी KPI Green Energy ने 670 करोड़ रुपये के अपने पहले ग्रीन बॉन्ड की लिस्टिंग भारतीय राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में पूरी की है। यह भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सतत वित्त पोषण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस बॉन्ड के जारी होने से कंपनी को ग्रीन फाइनेंस मार्केट में अपनी उपस्थिति मजबूत करने और दीर्घकालिक पूंजी जुटाने का अवसर मिला है।
बॉन्ड की विशेषताएँ और रेटिंग
Green Energy कंपनी द्वारा जारी यह पाँच वर्षीय बॉन्ड 8.50% की वार्षिक कूपन दर पर आधारित है। इसमें त्रैमासिक भुगतान संरचना रखी गई है, जिससे निवेशकों के लिए नियमित आय सुनिश्चित होती है। इसे प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ग्रुप की इकाई गारंटको द्वारा 65% तक की गारंटी प्राप्त है। गारंटको को यूनाइटेड किंगडम, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन, नीदरलैंड, कनाडा और फ्रांस की सरकारें वित्तपोषित करती हैं। इस गारंटी तंत्र की वजह से बॉन्ड को क्रिसिल और आईसीआरए दोनों से एए+(सीई) की मज़बूत रेटिंग मिली है। इसके परिणामस्वरूप म्यूचुअल फंड, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और बीमा कंपनियों जैसे दीर्घकालिक घरेलू निवेशकों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
निवेश का उद्देश्य
इस बॉन्ड से जुटाई गई पूरी राशि का इस्तेमाल केपीआई ग्रीन एनर्जी अपने सौर, पवन और हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स के विस्तार के लिए करेगी। Green Energy कंपनी का दावा है कि इन नई परियोजनाओं से प्रतिवर्ष लगभग 2.10 लाख लोगों और व्यवसायों को स्वच्छ बिजली की आपूर्ति होगी। साथ ही, प्रति वर्ष लगभग 3.44 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई जा सकेगी। भारत जहाँ 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन के लक्ष्य पर कार्य कर रहा है, वहाँ यह कदम एक मजबूत प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है।
Green Energy कंपनी की क्षमता और भविष्य की योजनाएँ
केपीआई ग्रीन एनर्जी अब तक 1 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित कर चुकी है और उसने 2030 तक 10 गीगावाट तक पहुँचने का स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है। Green Energy कंपनी के पास वर्तमान में 3 गीगावाट से अधिक की परियोजनाएँ कार्य प्रगति पर हैं, जिससे यह भारत के अग्रणी स्वच्छ ऊर्जा डेवलपर्स में शामिल हो चुकी है। कंपनी का फोकस गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर हाइब्रिड पार्क विकसित करने पर है।
एसबीआई फंडिंग से मिली नई रफ्तार
कुछ ही दिनों पहले, भारतीय स्टेट बैंक ने KPI Green Energy को ₹3,200 करोड़ की सुविधा दी है, जिसमें फंड आधारित और गैर-फंड आधारित दोनों विकल्प शामिल हैं। इस रकम का उपयोग गुजरात के भरूच और सुरेंद्रनगर जिलों में बन रही दो परियोजनाओं में किया जा रहा है — 350 मेगावाट पी सौर ऊर्जा और 370 मेगावाट हाइब्रिड (सौर + पवन) परियोजनाएँ। दोनों प्रोजेक्ट्स के लिए गुजरात उर्जा विकास निगम लिमिटेड (GUVNL) के साथ 25-वर्षीय बिजली खरीद समझौते हो चुके हैं। 75:25 के ऋण-इक्विटी अनुपात पर वित्तपोषित यह परियोजनाएँ देश की ग्रीन एनर्जी क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएँगी और अनुमान है कि इनसे सालाना 1.5 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
निष्कर्ष
केपीआई ग्रीन एनर्जी की यह ग्रीन बॉन्ड लिस्टिंग न केवल कंपनी की वित्तीय मजबूती को प्रदर्शित करती है, बल्कि पूरे नवीकरणीय क्षेत्र के लिए एक नई दिशा भी तय करती है। कंपनी के सीएमडी डॉ. फारुक पटेल के अनुसार, यह मील का पत्थर भारत के हरित भविष्य और सतत आर्थिक वृद्धि की दिशा में एक दृढ़ और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
Disclaimer: इस वेबसाइट पर दी गई सभी जानकारी केवल शैक्षणिक और सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से साझा की गई है। कृपया इसे किसी भी प्रकार की निवेश सलाह न समझें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम से जुड़ा होता है, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। हम यहाँ प्रस्तुत जानकारी की पूर्णता, सटीकता या अद्यतन होने की गारंटी नहीं देते। निवेश करते समय अपने विवेक, समझदारी और सावधानी का प्रयोग करना आपकी स्वयं की जिम्मेदारी है।