Infra कंपनी NCC लिमिटेड को केंद्रीय कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) से झारखंड के चंद्रगुप्त एरिया स्थित अम्रपाली ओपन कास्ट प्रोजेक्ट (OCP) के लिए ₹6,828.94 करोड़ का बड़ा ऑर्डर मिला है। ऑर्डर की अवधि सात साल है और इससे कंपनी के माइनिंग सेक्टर में ऑर्डरबुक हिस्से में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
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₹6,829 करोड़ के Infra प्रोजेक्ट की डिटेल
Infra कंपनी NCC LTD ने 24 अक्टूबर 2025 को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई फाइलिंग में बताया कि उसे यह कॉन्ट्रैक्ट 7 साल की अवधि के लिए प्राप्त हुआ है। परियोजना के तहत एनसीसी को हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी किराये पर लेकर कई गतिविधियों को अंजाम देना होगा — 413.59 मिलियन क्यूबिक मीटर ओवरबर्डन हटाना, 233.325 मिलियन टन कोयला निकालना, कोयले का शिवपुर साइडिंग और स्टॉक यार्ड तक ट्रांसपोर्टेशन और साइडिंग पर 139.995 मिलियन टन को वैगन में लोड करना शामिल है। यह देश के सबसे बड़े ओपन पिट कोल प्रोजेक्ट्स में से एक माना जा रहा है। यह अनुबंध घरेलू प्रोजेक्ट है और जीएसटी अतिरिक्त रहेगा। इसका विकास चरण 360 दिन और उत्पादन अवधि सात साल तय की गई है। यह परियोजना NCC को कोल इंडिया समूह के साथ दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने का अवसर देती है।
ऑर्डरबुक से और मजबूत हुई स्थिति
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कंपनी की कुल कंसोलिडेटेड ऑर्डरबुक ₹70,087 करोड़ थी। इस नए ऑर्डर के बाद ऑर्डरबुक का आकार बढ़कर ₹76,900 करोड़ के करीब पहुंच सकता है। पिछले ऑर्डर मिक्स में बिल्डिंग सेगमेंट का योगदान 34%, ट्रांसपोर्टेशन 26%, इलेक्ट्रिकल्स (T&D) 22%, माइनिंग 7%, वाटर व रेलवे 6% और सिंचाई एवं अन्य परियोजनाएं 5% थीं। नया ऑर्डर माइनिंग वर्टिकल से जुड़ा है, जिससे इस सेगमेंट का योगदान करीब 10% के आसपास पहुंचने की संभावना है। लंबी अवधि वाले इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्ट्रैक्ट्स से बिलिंग विजिबिलिटी बेहतर होती है। कंपनी की वित्तीय स्थिति पहले से स्थिर है और आदेशों की नियमित प्राप्ति उसके नकदी प्रवाह और बैंकिंग सीमाओं को स्वस्थ रखती है।
सेक्टर पर असर और निष्पादन चुनौती
इस परियोजना का फोकस कोयला उत्पादन, ओवरबर्डन हटाने और सतह परिवहन कार्य पर है, जो पूंजी‑सघन और लॉजिस्टिक‑निर्भर होता है। ऐसे अनुबंधों में मौसम, मशीनरी उपलब्धता, रेल साइडिंग की क्षमता और श्रम प्रबंधन निष्पादन की रफ्तार तय करते हैं। NCC पहले से खनन और परिवहन वर्टिकल में काम कर रही है, इसलिए प्रबंधन का अनुभव लागत अनुशासन बनाए रखने में सहायक हो सकता है। कंपनी का लक्ष्य FY26 में नकद प्रवाह को बेहतर बनाने और कार्यशील पूंजी चक्र में सुधार लाने पर है। इस नए प्रोजेक्ट से FY27‑FY30 के बीच कंपनी की आय और मार्जिन स्थिर रह सकते हैं।
शेयर प्रदर्शन और वैल्यूएशन स्थिति
शुक्रवार को एनसीसी का शेयर बीएसई पर 0.29% की गिरावट के साथ ₹209.30 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई पर यह ₹209.69 पर रहा। कंपनी का 52‑सप्ताह का उच्च स्तर ₹326.45 और निचला ₹170.05 है। मौजूदा स्तर पर यह अपने हाई से करीब 35% डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा है। इस साल अब तक स्टॉक लगभग 24% कमजोर रहा है, पर विशेषज्ञों के अनुसार बड़े अनुबंधों का प्रभाव आने वाले क्वार्टरों में दिखाई दे सकता है। उदाहरण के लिए, मौजूदा भाव से ₹250 के लक्ष्य की तुलना करें तो संभावित 19% की बढ़त बैठती है। ₹280 के स्तर तक पहुंचने पर लाभ करीब 34% हो सकता है। यह संकेत देता है कि आदेश निष्पादन की दिशा और ओपरेटिंग मार्जिन पर निर्भर करती भविष्य की तेजी संभव है।
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