Defence Stock : भारतीय सेना ने 4.25 लाख क्लोज-क्वार्टर कार्बाइन की खरीद के लिए 2,700 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। आपूर्ति Bharat Forge और पीएलआर सिस्टम्स करेंगी। यह सौदा सेना के आधुनिकीकरण कार्यक्रम का अहम हिस्सा है। ऑर्डर की घोषणा के बाद भारत फोर्ज के शेयर में 5% तक की तेजी आई।
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ऑर्डर का विवरण
भारतीय सेना ने पैदल सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए 4.25 लाख नई क्लोज-क्वार्टर कार्बाइन के लिए 2,700 करोड़ रुपये का अनुबंध किया है। इस अनुबंध के तहत 2.5 लाख यूनिट की आपूर्ति Bharat Forge करेगी और बाकी पीएलआर सिस्टम्स द्वारा की जाएगी। ये 5.56 मिमी कैलिबर की आधुनिक कार्बाइन होंगी जो नजदीकी मुकाबले में बेहतर लचीलापन और सटीकता देंगी। सेना के महानिदेशक (इन्फैंट्री) लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार ने बताया कि अनुबंध पर पिछले महीने हस्ताक्षर किए गए और अगले वर्ष से वितरण शुरू होने की योजना है।
पुरानी राइफलों की जगह आधुनिक हथियार
नई कार्बाइन पुरानी स्टर्लिंग राइफलों की जगह लेंगी जिन्हें दशकों पहले चरणबद्ध तरीके से हटा दिया गया था। इनका डिजाइन और उत्पादन डीआरडीओ के तकनीकी सहयोग के साथ स्वदेशी मानकों पर आधारित रहेगा। भारतीय सेना पहले ही सिग सॉयर और एके-203 असॉल्ट राइफलें शामिल कर चुकी है। अब यह आदेश उस अंतर को पूरा करेगा जहां छोटे आकार और हल्के हथियारों की आवश्यकता थी। यह कदम देश की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति के अनुरूप है।
भारत फोर्ज और पीएलआर सिस्टम्स की भूमिका
Bharat Forge, जो कल्याणी ग्रुप का हिस्सा है, कंपनी के रक्षा और एयरोस्पेस पोर्टफोलियो में इस अनुबंध से बड़ी बढ़त मिलेगी। वहीं पीएलआर सिस्टम्स, अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस और इज़राइल वेपन इंडस्ट्रीज की संयुक्त कंपनी है, जो अत्याधुनिक स्मॉल आर्म्स निर्माण में अनुभव रखती है। दोनों कंपनियों के सहयोग से स्थानीय निर्माण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और रोजगार वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। यह आपूर्ति 2026 तक चरणबद्ध रूप से पूरी करने की योजना है।
शेयर बाजार में असर
ऑर्डर की घोषणा के बाद 23 अक्टूबर को भारत फोर्ज के शेयर में तुरंत 5% की तेजी देखी गई और स्टॉक 1,300 रुपये के ऊपर कारोबार करता दिखा। बीएसई आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक महीने में यह शेयर करीब 4% बढ़ा है जबकि साल-दर-साल प्रदर्शन स्थिर रहा है। निवेशकों ने रक्षा पोर्टफोलियो में बढ़ती ऑर्डर बुक को सकारात्मक माना। कंपनी के लिए यह सौदा उसके रक्षा कारोबार योगदान को FY26 तक 10% से अधिक हिस्सेदारी तक पहुंचाने में मदद कर सकता है।
हालिया व्यावसायिक विकास
पिछले सप्ताह Bharat Forge ने रोल्स-रॉयस के साथ अपनी साझेदारी का विस्तार किया, जिसके तहत वह पर्ल 700 और पर्ल 10X इंजनों के लिए फैन ब्लेड का निर्माण करेगी। एयरोस्पेस और डिफेंस दोनों से मिलकर अब कंपनी के दीर्घकालिक ऑर्डर बुक में स्थिरता दिख रही है। रक्षा मंत्रालय के हाल में जारी आत्मनिर्भरता आंकड़ों के अनुसार देश में निजी रक्षा उत्पादन FY25 में 22% बढ़कर 16,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जिसमें भारत फोर्ज जैसी कंपनियों का योगदान उल्लेखनीय रहा है।
रणनीतिक प्रभाव
यह सौदा न केवल सेना की मारक क्षमता में सुधार करेगा बल्कि भारतीय उद्योग की रक्षा विनिर्माण क्षमताएं भी मजबूत करेगा। नई कार्बाइन सैनिकों की नजदीकी लड़ाई की दक्षता बढ़ाएंगी और 20–30 साल की सेवा अवधि के लिए तैनात की जाएंगी। रक्षा विश्लेषकों के अनुसार यदि अनुबंध समय पर निष्पादित होता है, तो यह भारत फोर्ज के लिए और बड़े रक्षा उपकरण अनुबंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा और ‘मेक इन इंडिया’ को वास्तविक जमीन पर मजबूती देगा।
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