आंध्र प्रदेश सरकार ने PSU कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) को नेल्लोर जिले के रामायपट्टनम बंदरगाह के पास ग्रीनफील्ड रिफाइनरी-सह-पेट्रोकेमिकल परियोजना के लिए 6,000 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी है। यह रणनीतिक भूमि BPCL को लागत के आधार पर मिली है और इससे प्रोजेक्ट को लंबी अवधि के लिए मजबूत आधार मिलेगा।
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निवेश की राशि और निर्माण टाइमलाइन
PSU कंपनी Bharat Petroleum Corporation Limited का यह प्रोजेक्ट लगभग 1.03 लाख करोड़ रुपये में बनेगा, जिसकी कुल अवधि 42 महीने रखी गई है। कंपनी ने निवेश का चरणबद्ध प्लान बताया, जिसमें FY26 में 4,843 करोड़, FY27 में 9,686 करोड़, FY28 में 14,529 करोड़, FY29 में 29,059 करोड़ और FY30 में 38,745 करोड़ रुपये निवेश होंगे। कंपनी को जनवरी 2029 तक व्यावसायिक तौर पर इसे चालू करने का लक्ष्य दिया गया है।
सरकारी प्रोत्साहन और टैक्स बेनिफिट
राज्य सरकार ने इस परियोजना को कुल कैपिटल खर्च का 75% तक, अगले 20 साल में इंसेंटिव देने का ऐलान किया है। PSU कंपनी Bharat Petroleum Corporation Limited को 43.5% की कैपिटल सब्सिडी 15 किस्तों में, 100% GST रिफंड, 100% स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क माफी, साथ ही SGST, IGST और CGST में राज्य हिस्से की वापसी जैसी वित्तीय मदद दी जाएगी। सरकारी स्तर पर बनाई गई हाई-लेवल कमेटी इस ‘अल्ट्रा-मेगा इन्वेस्टमेंट’ कैटेगरी प्रोजेक्ट की प्रगति की मॉनिटरिंग करेगी।
क्षमता और विस्तार का रोडमैप
BPCL इस ग्रीनफील्ड रिफाइनरी-पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट की कुल उत्पादन क्षमता 9-12 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) के बीच रखेगी। 6,000 एकड़ भूमि में से 2,333 एकड़ में रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल प्लांट होंगे, 1,085 एकड़ प्रशासन, रखरखाव और टैंक फार्म के लिए, 1,000 एकड़ हरित हाइड्रोजन व नवीकरणीय ऊर्जा के लिए तथा करीब 800 एकड़ कच्चे तेल टर्मिनल के लिए उपयोग होगी।
आर्थिक और औद्योगिक असर
यह प्रोजेक्ट आंध्र प्रदेश की औद्योगिक उन्नति में बड़ी भूमिका निभाएगा। निर्माण期间 में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से हजारों नौकरियां पैदा होंगी। इससे स्थानीय स्तर पर हेल्थ, लॉजिस्टिक्स और इंजीनियरिंग क्षेत्रों का व्यापार बढ़ेगा। रिफाइनरी चालू होने के बाद न सिर्फ घरेलू ईंधन डिमांड पूरी होगी, बल्कि पेट्रोकेमिकल एक्सपोर्ट के नए मौके भी खुलेगे।
नीति और पर्यावरण की दिशा
प्रोजेक्ट के हिस्से में हरित हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, जिससे भारत की ऊर्जा ट्रांजिशन नीति को समर्थन मिलेगा। परियोजना का फोकस ESG अनुपालन, आधुनिक टेक्नोलॉजी, और पर्यावरणीय मंजूरी के मानकों को पूरा करना है, जो निवेशकों और सरकार दोनों के लिए जरूरी है।
जोखिम और निगरानी
इतने बड़े प्रोजेक्ट में समय पर भूमि उपयोग स्वीकृति, डीपीआर, ठेका निविदाएं, कैपेक्स, कच्चे तेल की कीमतों, वैश्विक दर परिवेश और प्रमुख उपकरणों की सप्लाई टाइमलाइन पर नजर रखना जरूरी होगा। सरकार की मंजूरियां, फाइनेंशियल बंद, और कमर्शियल ऑपरेशन की प्रगति निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संकेत रहेंगे।
BPCL के शेयरों पर असर
आंध्र सरकार द्वारा मिले भूमि आवंटन और सरकारी प्रोत्साहन के बाद BPCL के शेयरों में हल्की तेजी दिखी है। कंपनी की दीर्घकालिक ग्रोथ और रणनीतिक विस्तार से निवेशकों की उम्मीद बनी रह सकती है, जबकि वास्तविक प्रगति, कैपिटल खर्च और टाइमलाइन पर नजर रखना जरूरी है।
निष्कर्ष
रामायपट्टनम में BPCL की ग्रीनफील्ड रिफाइनरी-पेट्रोकेमिकल परियोजना भारत की ऊर्जा सुरक्षा, औद्योगिक विस्तार और निर्यात योजनाओं में एक नया अध्याय जोड़ रही है। प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन से आंध्र प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य और कंपनी दोनों को दीर्घकालिक फायदे संभव हैं।
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