Smallcap कंपनी के हाथ लगा ऐसा ऑर्डर, कि स्टॉक में लगा अपर सर्किट, मात्र 2 दिन में ही चढ़ चुका है 42%

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Smallcap कंपनी अटलांटा लिमिटेड के शेयरों में दो कारोबारी दिनों में 42% उछाल की प्रमुख वजह 2,485 करोड़ रुपये का नया सब-कॉन्ट्रैक्ट ऑर्डर और दो सत्रों में 20% अपर सर्किट है। ऑर्डर का आकार कंपनी के लगभग 450 करोड़ रुपये के मार्केट कैप से कई गुना होने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा।

Atlanta Ltd के शेयरों में धमाकेदार तेजी

दलाल स्ट्रीट पर इस समय Smallcap कंपनी Atlanta Ltd का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। पिछले दो कारोबारी दिनों में इस स्मॉलकैप कंपनी के शेयरों में करीब 42% की उछाल देखने को मिली है। शुक्रवार, 3 अक्टूबर को यह शेयर 20% के अपर सर्किट के साथ ₹55 पर पहुंच गया, जबकि 1 अक्टूबर को भी इसमें 20% का अपर सर्किट लगा था। लगातार दो दिनों की इस तेजी ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है और कंपनी एक बार फिर मल्टीबैगर स्टॉक्स की सूची में शुमार हो गई है।

बड़ी डील ने बढ़ाई बाजार की उम्मीदें

Smallcap कंपनी की इस तेज़ी का मुख्य कारण इसका हाल ही में मिला ₹2,485 करोड़ का सब-कॉन्ट्रैक्ट ऑर्डर है। यह डील इरकॉन इंटरनेशनल के साथ साइन की गई है, जिसके तहत Atlanta Ltd को महाराष्ट्र के भंडारा–गढ़चिरोली एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का जिम्मा दिया गया है। कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप करीब ₹450 करोड़ है, जबकि नया प्रोजेक्ट इस मूल्य से लगभग छह गुना बड़ा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह ऑर्डर न केवल कंपनी की ऑर्डर बुक को मजबूत करेगा, बल्कि आने वाले चार से पांच वर्षों तक इसकी आमदनी में भी तेजी लाएगा।

शेयर मार्केट में शानदार प्रदर्शन

पिछले छह महीनों में Atlanta Ltd के शेयर ने करीब 99% का रिटर्न दिया है। वहीं, पिछले एक वर्ष में इसमें लगभग 160% और दो वर्षों में करीब 290% की बढ़त देखी गई है। पांच साल पहले यह शेयर ₹6 से भी नीचे ट्रेड कर रहा था और अब ₹55 के स्तर को छू रहा है, यानी निवेशकों को पांच वर्षों में 743% का रिटर्न मिला है। सिर्फ पिछले एक हफ्ते की बात करें तो Smallcap कंपनी का रिटर्न 42% रहा है। शेयर फिलहाल अपने 52 हफ्तों के लो प्राइस ₹27 से लगभग 104% ऊपर ट्रेड कर रहा है।

कंपनी की स्थिति

अटलांटा लिमिटेड का ध्यान सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर केंद्रित है। कंपनी सड़क निर्माण, टोल प्रबंधन और बिल्ड–ऑपरेट–ट्रांसफर (BOT) मॉडल पर काम करती है। हाल के वर्षों में भारत सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे में बढ़ते निवेश और नेशनल हाइवे डेवलपमेंट प्रोग्राम के विस्तार से इस सेक्टर की कंपनियों को बड़ा फायदा मिला है। कंपनी की ताज़ा बैलेंस शीट के अनुसार, इसका कर्ज नियंत्रण में है और रेवेन्यू ग्रोथ स्थिर रही है।

आगे की संभावनाएं और जोखिम

इरकॉन इंटरनेशनल जैसी सरकारी कंपनी के साथ समझौते ने निवेशकों का भरोसा और बढ़ाया है। हालांकि, शेयर की हालिया तेजी मुख्य रूप से सेंटिमेंट और ऑर्डर न्यूज पर आधारित है, इसलिए अल्पकाल में प्राइस वोलैटिलिटी संभव है। साथ ही, इतने बड़े प्रोजेक्ट के सफल निष्पादन और समयसीमा पर निर्भरता कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन को तय करेगी। यदि यह प्रोजेक्ट तय समय सीमा में पूरा होता है, तो निवेशकों को आने वाले महीनों में और भी मजबूत रिटर्न देखने को मिल सकता है।

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