Smallcap Stock : Vaibhav Global के शेयर में 30 अक्टूबर को 13% की जबरदस्त तेजी आई। Q2 FY26 में रेवेन्यू 10.2% बढ़कर ₹877 करोड़ और नेट प्रॉफिट 71% बढ़कर ₹48 करोड़ हुआ। EBITDA मार्जिन 130 बीपीएस बढ़कर 10% हो गया। ग्रॉस मार्जिन 63.5% रहा। डिजिटल चैनल्स से 42% B2C रेवेन्यू आता है। इन-हाउस ब्रांड्स 41% पर पहुंचे। विजय केडिया के पास 33.75 लाख शेयर हैं। 3.8 लाख नए ग्राहक जोड़े। शेयर ₹275 पर ट्रेड कर रहा है।
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विजय केडिया का निवेश और Smallcap Stock परफॉर्मेंस
NSE के डेटा के अनुसार, जाने-माने निवेशक विजय केडिया के पास Vaibhav Global के 33.75 लाख से ज्यादा शेयर हैं। विजय केडिया मल्टीबैगर स्टॉक्स पिकिंग के लिए जाने जाते हैं और उनकी प्रेजेंस से निवेशकों में कॉन्फिडेंस बढ़ता है। 30 अक्टूबर को Smallcap Stock 13% उछलकर ₹292 के दिन के हाई पर पहुंचा। अभी यह 7.05% की बढ़त के साथ ₹275 पर ट्रेड कर रहा है। यह तेजी Q2 के शानदार नतीजों और बेहतर मार्जिन्स के चलते आई।
Q2 FY26 में शानदार वित्तीय प्रदर्शन
वैभव ग्लोबल ने Q2 FY26 में रेवेन्यू में 10.2% की बढ़ोतरी दर्ज की और यह ₹877 करोड़ तक पहुंच गया, जो कंपनी के अनुमान से ज्यादा था। नेट प्रॉफिट पिछले साल के ₹28 करोड़ के मुकाबले इस बार ₹48 करोड़ रहा, यानी 71% की जबरदस्त बढ़ोतरी। कंपनी ने खर्चों को संभालकर और ऑपरेशंस को ज्यादा असरदार बनाकर यह ग्रोथ हासिल की। EBITDA 28% बढ़ा और मार्जिन 130 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 10% हो गया। यह सुधार बेहतर प्रोडक्शन कैपेसिटी और ऑपरेशनल एफिशिएंसी को दर्शाता है।
मजबूत बैलेंस शीट और फाइनेंशियल हेल्थ
वैभव ग्लोबल का ग्रॉस मार्जिन 63.5% रहा, जो सही प्रोडक्ट मिक्स और स्मार्ट प्राइसिंग स्ट्रेटेजी का नतीजा है। कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत है और उसके पास ₹156 करोड़ नकद है। रिटर्न रेशियो भी अच्छे हैं – ROCE 20% और ROE 13%। ये मेट्रिक्स कंपनी की कैपिटल एफिशिएंसी और प्रॉफिटेबिलिटी को दर्शाते हैं। स्ट्रॉन्ग कैश पोजीशन से कंपनी को फ्यूचर ग्रोथ इनिशिएटिव्स और एक्सपेंशन के लिए फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है।
डिजिटल और इन-हाउस ब्रांड्स में मजबूती
कंपनी के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स तेजी से बढ़ रहे हैं और अब B2C रेवेन्यू का 42% डिजिटल चैनल्स से आता है। यह शिफ्ट ऑनलाइन शॉपिंग ट्रेंड और कंपनी की डिजिटल स्ट्रेटेजी की सफलता को दिखाता है। इन-हाउस ब्रांड्स का हिस्सा बढ़कर 41% हो गया, जो Q2 FY25 में 31% था। यह 10 पर्सेंटेज पॉइंट्स की बढ़ोतरी हाई-मार्जिन प्राइवेट लेबल प्रोडक्ट्स पर फोकस को दर्शाती है। डिजिटल और ओन ब्रांड्स की बढ़ती हिस्सेदारी लॉन्ग-टर्म प्रॉफिटेबिलिटी के लिए पॉजिटिव है।
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