पिछले एक माह में Suzlon के शेयर की चाल फ्लैट से हल्की निगेटिव रही है, जबकि वॉल्यूम के मोर्चे पर बीएसई पर लगभग 82 लाख शेयरों का कारोबार दर्ज हुआ। कारोबार से ठीक पहले बाजार की रुचि तिमाही नतीजों और निष्पादन अपडेट की उम्मीद में बढ़ती दिखाई दी।
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कंपनी के कर्जमुक्त होने के बाद की तिमाही
Suzlon Energy ने पिछली तिमाही में अपने सभी कर्ज चुका कर डेट फ्री दर्जा हासिल कर लिया था, जिससे कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत हुई है और ब्याज खर्च घट गया है। अब यह तिमाही, कंपनी के लिए असली कमाई वाली तिमाही मानी जा रही है क्योंकि सेल्स और ऑर्डर एक्सिक्यूशन में तेजी आई है। बीते गुरुवार को Suzlon के शेयर में एक प्रतिशत की तेजी आई और शेयर 53.25 रुपये पर बंद हुआ, जिससे इसका मार्केट कैप 72,940 करोड़ रुपये हो गया।
सेल्स और ऑपरेशन में तेज ग्रोथ
वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में कंपनी की सेल्स में 32% की बढ़ोतरी नजर आ रही है। ब्रोकरेज के मुताबिक, कंपनी ने इस तिमाही में करीब 365 मेगावाट पवन टरबाइन के ऑर्डर पूरे किए हैं। राजस्व लगभग 2,785 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि EBITDA 422.50 करोड़ रुपये और EBITDA मार्जिन लगभग 15 प्रतिशत पर रहने की संभावना है।
मुनाफे के आंकड़े और ब्रोकरेज टारगेट
मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, Suzlon का तिमाही प्रॉफिट करीब 199 करोड़ रुपये के पास रह सकता है, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 200 करोड़ रुपये से लगभग स्थिर है। ब्रोकरेज ने इस स्टॉक पर 80 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है, यानी इसमें करीब 45% की संभावित बढ़ोतरी दिखाई गई है। कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक और निष्पादन रफ्तार को फायदे का प्रमुख कारण माना गया है।
नुवामा की रिपोर्ट्स में क्या कहा गया
ब्रोकर फर्म नुवामा ने भी माना है कि Suzlon ने इस तिमाही में 375 मेगावाट उत्पादन लक्षित किया, हालांकि भारी बारिश की वजह से प्रोजेक्ट डिलीवरी पर असर देखा गया। इसके बावजूद, कंपनी का मार्जिन अनुमानित 16% पर स्थिर रहने की उम्मीद है। EPC-प्रधान काम का अनुपात बढ़ने से यह मार्जिन सपोर्ट मिला है।
शेयर रुझान और निवेशक भावना
हाल-फिलहाल Suzlon के शेयर प्राइस एक महीने से फ्लैट या हल्का निगेटिव मूव दिखा चुके हैं, लेकिन हाल में आई तेजी ने बाजार की उत्सुकता को बढ़ाया है। गुरुवार को BSE पर 82 लाख से ज्यादा शेयर ट्रेड हुए, जिससे निवेशक रुझान में मजबूती और तिमाही नतीजों से पहले उम्मीद बनी है। रिटेल निवेशकों का भरोसा कंपनी के पिछली तिमाही वाले कर्जमुक्त स्तर और आगे की ग्रोथ प्लानिंग पर है।
Suzlon की ऑर्डर बुक और सेक्टर का प्रभाव
Suzlon की ऑर्डर बुक 5.7 GW के उच्चतम स्तर पर है, जिसमें PSU, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल क्लाइंट्स का योगदान 75% के आसपास है। कंपनी की नेट कैश स्थिति 1,620 करोड़ रुपये के आसपास है और कैपिटल मैनेजमेंट भी नियंत्रित है। भारत में लगातार बढ़ रही पवन ऊर्जा की मांग, सरकारी नीतियों का समर्थन और लंबी अवधि के अनुबंध Suzlon के बिजनेस ग्रोथ और आय स्थिरता में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
आगे की रणनीति और संभावनाएं
Suzlon अपनी निष्पादन गति को बनाए रखते हुए भविष्य की ऑर्डर बुक को रेवेन्यू में बदलने और नए प्रोजेक्ट्स में समय पर डिलीवरी देने पर फोकस कर रही है। परिचालन लागत, कच्चे माल के दाम, लॉजिस्टिक्स और EPC बनाम सप्लाई-ओनली मिक्स पर लगातार नजर रखनी होगी। अगर तिमाही नतीजों की गति और मार्जिन अनुमान के मुताबिक रहे, तो कंपनी अपने कर्जमुक्त ढांचे, ग्रोथ प्लान और मजबूत ऑर्डर बुक के साथ भारतीय विंड एनर्जी सेक्टर में और मजबूती हासिल कर सकती है।
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