Tata Capital ने 13 अक्टूबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार में ऐतिहासिक एंट्री की। कंपनी के शेयर NSE और BSE दोनों जगह ₹330 के भाव पर लिस्ट हुए, जो इसके इश्यू प्राइस ₹326 से 1.2% प्रीमियम पर था। यह साल 2025 का सबसे बड़ा आईपीओ रहा, जिसकी कुल राशि करीब ₹15,512 करोड़ रही। आईपीओ को निवेशकों का अच्छा प्रतिसाद मिला, कुल 1.96 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ, जिसमें खुदरा निवेशकों की ओर से 1.10 गुना, संस्थागत निवेशकों की ओर से 3.42 गुना और गैर-संस्थागत निवेशकों की ओर से 1.98 गुना आवेदन आए। कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन पहले ही दिन करीब ₹1.4 लाख करोड़ (₹1.4 ट्रिलियन) पहुँच गई, जिससे यह भारत की टॉप नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) में शुमार हो गई।
शेयर का हाल और रेटिंग
लिस्टिंग के साथ ही मशहूर ब्रोकरेज JM फाइनेंशियल ने Tata Capital को ‘Add’ रेटिंग दी और ₹360 का टारगेट प्राइस सुझाया है, जिससे मौजूदा दाम पर करीब 9% की आगे बढ़त संभव मानी गई है। ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि टाटा कैपिटल का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो काफी डाइवर्सिफाइड है, जिसमें 25 से ज्यादा लोन प्रोडक्ट्स हैं। कंपनी की लोन बुक का 61% हिस्सा रिटेल फाइनेंस, 26% SME लोन और 13% कॉरपोरेट लोन से आता है। टाटा समूह की ताकत और AAA/Stable क्रेडिट रेटिंग की वजह से कंपनी को फंडिंग मिलना आसान रहता है।
वित्तीय परफॉर्मेंस
साल 2025 में Tata Capital की टोटल इनकम ₹28,370 करोड़ पर पहुँची, जो पिछले साल की तुलना में 56% ज्यादा रही। साल 2024 में यही इनकम ₹18,198 करोड़ थी। साल 2025 में PAT (शुद्ध लाभ) ₹3,655 करोड़ रहा, वहीं नेट वर्थ ₹32,588 करोड़ और टोटल एसेट्स ₹2,48,465 करोड़ तक पहुँच गए। FY25 में कंपनी का मुनाफा 16% बढ़ा।
JM फाइनेंशियल के मुताबिक, साल 2025 से 2027 के बीच कंपनी अपने एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 20% CAGR की ग्रोथ दिखा सकती है और PAT में 34% CAGR की वृद्धि संभव है। RoA (Return on Assets) औसतन 1.9% और RoE (Return on Equity) 13.2% तक रह सकता है। कंपनी का NIM (Net Interest Margin) फिलहाल 5–5.5% के बीच है, जो NBFC इंडस्ट्री के लिहाज से अच्छा माना जा रहा है। कंपनी का प्राइस-टू-बुक (P/B) रेश्यो लिस्टिंग के समय 3.2x था, जो इसके प्रतिस्पर्धियों के लगभग आस-पास रहा।
कैश फ्लो और डिविडेंड
Tata Capital का 2025 में कैश फ्लो स्टेबल रहा। साल के अंत में कंपनी के पास ₹9,478 करोड़ कैश और कैश इक्विवेलेंट्स बचा। कंपनी ने 2025 में हर शेयर पर ₹0.42 का डिविडेंड भी दिया, जो पिछले साल से दोगुना था। बरकरार मुनाफा (retained earnings) ₹14,430 करोड़ तक पहुँच गया।
NBFC सेक्टर में Tata Capital की भूमिका
भारतीय NBFC सेक्टर, खासकर Tata Capital जैसी कंपनियाँ, हाल के सालों में बैंकिंग सेक्टर से तेजी से आगे बढ़ कर देश की फाइनेंशियल ग्रोथ में मजबूत भूमिका निभा रही हैं। FY25 में भारत के रिटेल क्रेडिट बाजार का आकार ₹82 लाख करोड़ पहुँच गया, जहाँ NBFCs का हिस्सा लगातार बढ़ रहा है। एनालिस्ट्स के मुताबिक, साल 2025–2028 में NBFC बाजार 14–16% CAGR से बढ़ सकता है। NBFC का रोल MSME, हाउसिंग, कंज्यूमर ड्यूरेबल, गोल्ड लोन जैसी कैटेगरी में तेजी से बढ़ रहा है, और इसी ग्रोथ में Tata Capital अग्रणी बनकर उभर रही है।
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संभावित जोखिम और चुनौतियाँ
- अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने या रेगुलेटरी बदलाव के कारण कंपनी की AUM ग्रोथ और NIM प्रभावित हो सकते हैं
- बैंकिंग सेक्टर से बढ़ती प्रतिस्पर्धा और क्रेडिट कॉस्ट बढ़ने का रिस्क बरकरार है
- सेक्टर की ग्रोथ म्यूचुअल फंड्स, इंश्योरेंस और अन्य फाइनेंशियल इनोवेशन से भी प्रभावित हो सकती है
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